फरफराते पन्ने ... Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps October 09, 2017 खिड़कियों से हवा यूँ उछल के आयी कि फरफराने लगे टेबुल पर रखे पन्ने ... कुछ कोरे थे तो कुछ सूखी स्याही से लिपटी और कुछ अधूरे थे... उँगलियों ने उनपर पत्थर दाब दिये पर कहाँ जाते वो उड़कर ? वो तो उसी कैद में आज़ाद थे... ~ देव Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
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